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मुगल शासक- Mughal ruler

मुग़ल साम्राज्य  मुग़ल सलतनत-ए-हिंद; तुर्की: बाबर इम्परातोरलुग़ु), एक इस्लामी तुर्की-मंगोल साम्राज्य था जो 1526 में शुरू हुआ, जिसने 17 वीं शताब्दी के आखिर में और 18 वीं शताब्दी की शुरुआत तक भारतीय उपमहाद्वीप में शासन किया और 19 वीं शताब्दी के मध्य में समाप्त हुआ। मुग़ल सम्राट तुर्क-मंगोल पीढ़ी के तैमूरवंशी थे और इन्होंने अति परिष्कृत मिश्रित हिन्द-फारसी संस्कृति को विकसित किया। 1700 के आसपास, अपनी शक्ति की ऊँचाई पर, इसने भारतीय उपमहाद्वीप के अधिकांश भाग को नियंत्रित किया - इसका विस्तार पूर्व में वर्तमान बंगलादेश से पश्चिम में बलूचिस्तान तक और उत्तर में कश्मीर से दक्षिण में कावेरी घाटी तक था।

मुग़लों के सभी महत्वपूर्ण स्मारक, उनके ज्यादातर दृश्य विरासत, इस अवधि के हैं


मुग़ल साम्राज्य का रोचक इतिहास

. बाबर– 1526 – 1530


बाबर भारत में मुगल वंश का संस्थापक था जिसने लोदी राजवंश को ख़तम कर मुग़ल वंश स्थापित किया। जिसका पूरा नाम ज़हिर उद-दिन मुहम्मद बाबर था। बाबर का जन्म फ़रगना घाटी के अन्दीझ़ान नामक शहर में हुआ था। भारत में मुग़ल साम्राज्य की नीव बाबर ने ही रखी थी।
 
शेर शाह सूरी – 1540-1545

शेर शाह सूरी सूरी साम्राज्य के संस्थापक था। जिसने मुग़ल साम्राज्य के एक छोटेसे सेनापति के रूप में काम किया था। और एक सैनिक के रूप में काम करते करते बढ़त पाकर सेनापति बन गया।


 इस्लाम शाह सूरी – 1545-1554

इस्लाम शाह सूरी ने अपने पिता शेर शाह सूरी के साम्राज्य को आगे बढाया। जिसे उसने 1545 से लेकर 1554 तक चलाया। लेकिन बादमें मुग़ल शासक हुमायूँ ने वापिस जीत लिया।

मुगल साम्राज्य के पतन के कारण

मुगल साम्राज्य के पतन के कारणों में दुर्बल एवं अयोग्य उत्तरकालीन मुगल शासक, विदेशी आक्रमण, राजदरबार में गुटबंधियाँ, सरदारों का नैतिक पतन, मराठा शक्ति का उदय, सेना की दुर्बलता, राष्ट्रीयता की भावना का अभाव, यूरोपीय कम्पनियों का आगमन आदि कारण प्रमुख थे। बाबर द्वारा स्थापित मुगल साम्राज्य औरंगजेब की मृत्यु के पश्चात निर्बल होता चला गया। औरंगजेब का राज्यकाल मुगलों का सांध्य काल था। जिन्होंने मिलकर इस शक्तिशाली साम्राज्य का पतन कर दिया।

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