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प्रथम विश्व युद्ध - First world war

पहला विश्व युद्ध 1914 से 1918 तक मुख्य तौर पर यूरोप में व्याप्त महायुद्ध को कहते हैं। यह महायुद्ध यूरोप, एशिया व अफ़्रीका तीन महाद्वीपों और समुंदर, धरती और आकाश में लड़ा गया। इसमें भाग लेने वाले देशों की संख्या, इसका क्षेत्र (जिसमें यह लड़ा गया) तथा इससे हुई क्षति के अभूतपूर्व आंकड़ों के कारण ही इसे विश्व युद्ध कहते हैं।

पहला विश्व युद्ध लगभग 52 माह तक चला और उस समय की पीढ़ी के लिए यह जीवन की दृष्टि बदल देने वाला अनुभव था। क़रीब आधी दुनिया हिंसा की चपेट में चली गई और इस दौरान अंदाज़न एक करोड़ लोगों की जान गई और इससे दोगुने घायल हो गए। इसके अलावा बीमारियों और कुपोषण जैसी घटनाओं से भी लाखों लोग मरे।

विश्व युद्ध ख़त्म होते-होते चार बड़े साम्राज्य रूस, जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी (हैप्सबर्ग) और उस्मानिया ढह गए। यूरोप की सीमाएँ फिर से निर्धारित हुई और अमेरिकानिश्चित तौर पर एक 'महाशक्ति ' बन कर उभरा।


किसने शुरू किया पहला विश्व युद्ध


युद्ध खत्म होने के बाद 1919 में वरसाई की संधि में जर्मनी को युद्ध का जिम्मेदार बताया गया और इसके लिए बर्लिन पर बंदिशें लगाई गईं. लेकिन 1920 से ही माना जाने लगा कि इस युद्ध के लिए "सभी जिम्मेदार थे, या कोई नहीं". जर्मनी के इतिहासकार फ्रित्ज फिशर ने 1961 में एक किताब लिखी और जर्मनी के लोगों की खूब नाराजगी झेली. उन्होंने किताब में लिखा कि निश्चित तौर पर जर्मनी को ही इसका दोषी समझना चाहिए.

विश्व युद्ध के कारण

प्रथम विश्व युद्ध बीसवीं शताब्दी के प्रारम्भिक वर्षों में यूरोप महाद्वीप का राजनीतिक वातावरण तनावपूर्ण हो गया था। गुप्त व कूटनीतिक सन्धियों के कारण 1907 ई. में यूरोपीय शक्तियां दो विरोधी सैनिक गुटों में विभाजित हो गई, जिसमें बाल्कन संकट ने भी सहयोग प्रदान किया। अंततः यूरोपीय शक्तियों के मध्य सन 1914 ई. में युद्ध का विस्फोट हो गया, जिसने शीघ्र ही संपूर्ण संसार को घेर लिया।

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