सन 1917 की रूस की क्रांति विश्व इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है। इसके परिणामस्वरूप रूस से ज़ार के स्वेच्छाचारी शासन का अन्त हुआ तथा रूसी सोवियत संघात्मक समाजवादी गणराज्य की स्थापना हुई।
यह क्रान्ति दो भागों में हुई थी - मार्च 1917 में, तथा अक्टूबर 1917 में। पहली क्रांति के फलस्वरूप सम्राट को पद-त्याग के लिये विवश होना पड़ा तथा एक अस्थायी सरकार बनी। अक्टूबर की क्रान्ति के फलस्वरूप अस्थायी सरकार को हटाकर बोलसेविक सरकार की स्थापना की गयी।
1917 की रूसी क्रांति बीसवीं सदी के विश्व इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना रही। 1789 ई. में फ्रांस की राज्यक्रांति ने स्वतंत्रता, समानता और भ्रातृत्व की भावना का प्रचार कर यूरोप के जनजीवन को गहरे स्तर पर प्रभावित किया।
रूसी क्रांति उसके कारण एवं प्रभाव
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान रूस की क्रांति संपन्न हुई यह क्रांति पिछड़ी अर्थव्यवस्था किसान और मजदूरों की विपन्नता निरंकुश जारशाही के अत्याचारों के विरुद्ध जन विद्रोह का सम्मिलित परिणाम थी 1917 में रूसी क्रांति उस समय हुई जब रूसी सेना प्रथम विश्वयुद्ध में सर्वत्र हार रही थी परंतु रूसी क्रांति सैनिक पराजय का परिणाम नहीं थी अपितु जनविद्रोह का परिणाम थी
क्रांति की असफलता
1905 की क्रांति असफल हो चुकी थी लेकिन सुधारवादियों को अभी ड्यूमा से आशा थी। शीघ्र ही यह स्पष्ट हो गया कि सरकार अपनी रूचि की ड्यूमा चाहती थी। प्रथम ड्यूमा को दो माह बाद भंग कर दिया गया। इसके सदस्यों ने देश से सरकार के प्रति असहयोग की अपील की लेकिन देश आंदोलनों से थक चुका था, अत: इसका प्रभाव नहीं पड़ा।
सरकार ने छुटपुट विद्रोह को निर्दयता से कुचल दिया। दूसरी ड्यूमा में भी सरकार विरोधी सदस्यों का बहुमत था। इसे भी भंग कर दिया गया। इसके बाद सरकार ने मताधिकार सीमित करके चुनाव कराये। इससे तीसरी ड्यूमा में सरकार के समर्थकों को बहुमत प्राप्त हो गया।
यह क्रान्ति दो भागों में हुई थी - मार्च 1917 में, तथा अक्टूबर 1917 में। पहली क्रांति के फलस्वरूप सम्राट को पद-त्याग के लिये विवश होना पड़ा तथा एक अस्थायी सरकार बनी। अक्टूबर की क्रान्ति के फलस्वरूप अस्थायी सरकार को हटाकर बोलसेविक सरकार की स्थापना की गयी।
1917 की रूसी क्रांति बीसवीं सदी के विश्व इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना रही। 1789 ई. में फ्रांस की राज्यक्रांति ने स्वतंत्रता, समानता और भ्रातृत्व की भावना का प्रचार कर यूरोप के जनजीवन को गहरे स्तर पर प्रभावित किया।
रूसी क्रांति उसके कारण एवं प्रभाव
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान रूस की क्रांति संपन्न हुई यह क्रांति पिछड़ी अर्थव्यवस्था किसान और मजदूरों की विपन्नता निरंकुश जारशाही के अत्याचारों के विरुद्ध जन विद्रोह का सम्मिलित परिणाम थी 1917 में रूसी क्रांति उस समय हुई जब रूसी सेना प्रथम विश्वयुद्ध में सर्वत्र हार रही थी परंतु रूसी क्रांति सैनिक पराजय का परिणाम नहीं थी अपितु जनविद्रोह का परिणाम थी
क्रांति की असफलता
1905 की क्रांति असफल हो चुकी थी लेकिन सुधारवादियों को अभी ड्यूमा से आशा थी। शीघ्र ही यह स्पष्ट हो गया कि सरकार अपनी रूचि की ड्यूमा चाहती थी। प्रथम ड्यूमा को दो माह बाद भंग कर दिया गया। इसके सदस्यों ने देश से सरकार के प्रति असहयोग की अपील की लेकिन देश आंदोलनों से थक चुका था, अत: इसका प्रभाव नहीं पड़ा।
सरकार ने छुटपुट विद्रोह को निर्दयता से कुचल दिया। दूसरी ड्यूमा में भी सरकार विरोधी सदस्यों का बहुमत था। इसे भी भंग कर दिया गया। इसके बाद सरकार ने मताधिकार सीमित करके चुनाव कराये। इससे तीसरी ड्यूमा में सरकार के समर्थकों को बहुमत प्राप्त हो गया।
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