केंद्र सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयन्ती (23 जनवरी) प्रत्येक वर्ष ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया है। संस्कृति मंत्रालय ने एक अधिसूचना कर बताया कि नेताजी के अतुल्य योगदान और राष्ट्र के प्रति नि:स्वार्थ सेवा की याद में ऐसा किया गया है। गौरतलब हैं की इस वर्ष 23 जनवरी को देश नेता जी की 125 वीें जयंती मनाएगा।
इससे पूर्व केंद्र सरकार नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती को भव्य रूप से मनाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था।
यह उच्च स्तरीय समिति 23 जनवरी 2021 से शुरू होकर एक वर्ष तक चलने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करेगी। इस समिति में 85 सदस्य होंगे।
महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चन्द्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को ब्रिटिश भारत के कट्टक में हुआ था। आरंभ में वे कांग्रेस से जुड़े, 1938-39 के दौरान वे कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। बाद में कांग्रेस में मतभेद के कारण उन्होंने कांग्रेस से त्यागपत्र दिया तथा फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना की। उन्होंने आजाद हिन्द फ़ौज के द्वारा देश को स्वतंत्र करने का प्रयास किया।आजाद हिन्द फ़ौज की स्थापना 21 अक्टूबर, 1943 में सिंगापुर में की गयी थी।
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